Embroidery: History and Modern Use in Fashion & Home Decor

Mohan Rajpurohit

3/2/2025

कढ़ाई (Embroidery) केवल धागों और सुई का खेल नहीं है, बल्कि यह मानव इतिहास की सबसे पुरानी और सम्मानित कलाओं में से एक है। यह कला न केवल कपड़ों को सजाने का माध्यम रही है, बल्कि यह संस्कृति, पहचान, सामाजिक स्थिति, और यहां तक कि धार्मिक विश्वासों का भी प्रतीक रही है।

ऐतिहासिक साक्ष्य बताते हैं कि कढ़ाई की उत्पत्ति का संबंध लगभग 30,000 वर्ष पूर्व के प्रागैतिहासिक काल से है। उस समय मनुष्य जानवरों की खाल, हड्डियों से बनी सुइयों, और प्राकृतिक धागों का प्रयोग करके अपने वस्त्रों को सजाया करता था। दुनिया के कई हिस्सों में, खासकर एशिया, मध्य-पूर्व और यूरोप में खुदाई के दौरान कढ़ाई वाले वस्त्रों और टुकड़ों के प्रमाण मिले हैं। उदाहरणस्वरूप, रूस के साइबेरिया में पाए गए एक प्राचीन कब्र स्थल से कढ़ाई की हुई कपड़े के टुकड़े मिले हैं, जो यह दर्शाते हैं कि यह कला कितनी पुरानी है।

मिस्र के पिरामिडों, चीन के सम्राटों के वस्त्रों, और भारत के प्राचीन मंदिरों की मूर्तियों पर भी ऐसी डिज़ाइनें दिखाई देती हैं जो कढ़ाई की उपस्थिति को दर्शाती हैं। हर सभ्यता में कढ़ाई का अपना एक विशिष्ट स्वरूप और महत्व रहा है। चाहे वह भारतीय ज़री कढ़ाई हो, चीन की सिल्क एम्ब्रॉयडरी, या यूरोप की क्रूएल वर्क—हर शैली में उस संस्कृति की आत्मा बसती है।

समय के साथ, कढ़ाई केवल एक पारंपरिक हस्तकला न रहकर, फैशन, होम डेकोर, और समकालीन आर्ट में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा चुकी है। आज भी यह कला न केवल जीवित है, बल्कि आधुनिक डिज़ाइनों और तकनीकों के साथ और भी उन्नत होती जा रही है।

Image Source: Wikimedia Commons – Pazyryk Carpet (Public Domain)

Pazyryk carpet -The world's oldest known pile carpet was found in the largest of the Pazyryk burial mounds

Embroidery: एक प्राचीन कला की जीवंत विरासत

The Evolution of Embroidery

1. प्राचीन काल (Ancient Times)
कढ़ाई की शुरुआत लगभग 30,000 साल पहले हुई थी। प्राचीन मिस्र (Ancient Egypt) में कढ़ाई का उपयोग धार्मिक और सांस्कृतिक उद्देश्य के लिए किया गया। मिस्र के राजा-रानी अपने कपड़ों पर सोने और चांदी के धागे से कढ़ाई करते थे, जिससे उनकी प्रतिष्ठा और भव्यता को दर्शाया जा सके। उदाहरण के तौर पर, फाराo की ममी के कपड़े में जटिल कढ़ाई के निशान मिले हैं, जो उस समय के शाही जीवन की भव्यता को दर्शाते हैं। भारत में भी कढ़ाई का गहरा संबंध धार्मिक और सांस्कृतिक उद्देश्यों से था। मौर्य साम्राज्य के समय में कढ़ाई के उपयोग की शुरुआत हुई, और बाद में गुप्त साम्राज्य (4वीं सदी) के दौरान ज़री कढ़ाई ने महत्व हासिल किया। सम्राट अशोक के समय में धार्मिक चित्रों और शिलालेखों पर कढ़ाई की तकनीकें विकसित हुईं।

2. मध्यकाल (Medieval Period)
यूरोप में मध्यकाल में कढ़ाई का महत्वपूर्ण रूप देखने को मिला, खासकर चर्चों और कैथेड्रल्स में, जहाँ धार्मिक चित्रों को कढ़ाई के माध्यम से दर्शाया जाता था। एक प्रसिद्ध उदाहरण नॉर्मन कढ़ाई है, जो 1066 में विलियम द कन्करर के ब्रिटेन पर विजय के चित्रण से संबंधित है। यह कढ़ाई बायोइंगटन टेपेस्ट्री के रूप में प्रसिद्ध हुई और यूरोपीय इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण कढ़ाई कार्यों में से एक मानी जाती है। भारत में, मुगल साम्राज्य के दौरान कढ़ाई का एक नया अध्याय शुरू हुआ। बाबर और अकबर के शासनकाल में कला और कढ़ाई के नए रूप विकसित हुए। अकबर के दरबार में कला को बहुत बढ़ावा दिया गया और मुगलों के आदेश पर कई कढ़ाई और कशीदाकारी के कार्य किए गए, जिनमें फूलों की कढ़ाई और नकली जवाहरात की कढ़ाई शामिल थी।

3. 16वीं–17वीं सदी (16th–17th Century)
इंग्लैंड और फ्रांस में इस समय कढ़ाई कला अपने चरम पर थी। राजा एलिजाबेथ I के शासनकाल में इंग्लैंड में कढ़ाई का महत्व बढ़ा और उन्हें अपनी शाही पोशाकों और दरबारियों के वस्त्रों पर भव्य कढ़ाई पसंद थी। किंग चार्ल्स I के शासनकाल में भी कढ़ाई का उपयोग बहुत बढ़ा, और उन्हें बड़े धैर्य के साथ तैयार की गई कढ़ाई की वस्त्रों का शौक था। भारत में, राजा जयसिंह और राजा सवाई माधो सिंह जैसे राजाओं के दौर में कढ़ाई की कला अपने सर्वोत्तम रूप में थी। जयपुर और उदयपुर के किलों में कढ़ाई की दीवारों और फर्नीचर पर इस कला का सुंदर उदाहरण देखने को मिलता है। जयपुर के राजमहल में कढ़ाई और चमड़े के डिजाइनों को बड़े ध्यान से बनाया गया।

4. औद्योगिक क्रांति (Industrial Revolution)
18वीं सदी के अंत में औद्योगिक क्रांति के दौरान कढ़ाई मशीनों का आविष्कार हुआ, जिसने कढ़ाई की प्रक्रिया को बहुत तेज और सस्ता बना दिया। अब कढ़ाई महलों और रॉयल दरबारों तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह आम लोगों तक पहुंचने लगी। इंग्लैंड में, कढ़ाई मशीनें बड़े पैमाने पर फैशन इंडस्ट्री और होम डेकोर में उपयोग होने लगीं। इससे पहले केवल शाही परिवार और उच्च वर्ग के लोग ही कढ़ाई का आनंद ले सकते थे।

5. आधुनिक युग (Modern Era)
भारत में 20वीं सदी के दौरान कढ़ाई की कला ने पारंपरिक रूप से एक नई पहचान प्राप्त की। अब यह सिर्फ राजसी पोशाकों तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह फैशन, होम डेकोर और फर्नीचर डिज़ाइन का अहम हिस्सा बन गई। देशभर के कारीगरों ने विभिन्न प्रकार की कढ़ाई शैलियों को अपनाया और उन्हें आधुनिक जरूरतों के अनुसार ढाला। राजस्थान में यह कला शाही संरक्षण के अंतर्गत और भी निखर कर सामने आई। बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह ने कढ़ाई को राजसी पहचान दिलाई, जहाँ बिस्तर कवर, तकिए और पर्दे सोने-चांदी की कढ़ाई से बनाए जाते थे। जोधपुर में मारवाड़ी राजाओं के काल में ज़री और मिरर वर्क जैसे बारीक कढ़ाई शिल्प शाही पोशाकों और पारंपरिक आयोजनों में अहम भूमिका निभाते थे। वहीं जयपुर अपने प्रसिद्ध 'गोटा-पत्ती' और 'मोती कढ़ाई' डिज़ाइनों के लिए जाना जाता है, जो आज भी अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में राजस्थानी विरासत के प्रतीक के रूप में पसंद किए जाते हैं। इस युग में कढ़ाई का प्रयोग केवल परिधानों में नहीं, बल्कि कुशन, बेडशीट्स, पर्दे और अन्य होम डेकोर उत्पादों में भी बड़े पैमाने पर होने लगा, जिससे यह कला आम लोगों के घरों का हिस्सा बन गई।

Picture -Jewish embroidery in Jewish Museum of Greece

Image Source: Wikimedia Commons, by Tomboy24, CC BY-SA 4.0. No changes made.

Embroidery in Modern Times for Fashion and Home Décor

आज के समय में कढ़ाई का इस्तेमाल सिर्फ पारंपरिक कपड़ों और महलों तक सीमित नहीं है। कढ़ाई का उपयोग फैशन इंडस्ट्री और होम डेकोर में भी बड़े पैमाने पर होने लगा है। यह कला अब न केवल पारंपरिक वस्त्रों में बल्कि आधुनिक डिज़ाइन और उत्पादों में भी अपनी जगह बना चुकी है।

1. फैशन में कढ़ाई (Embroidery in Fashion)
आजकल, कढ़ाई को फैशन के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अपनाया जा रहा है, खासकर वेस्टर्न और एथनिक फैशन में। Designers अपने संग्रह में कढ़ाई के जटिल डिज़ाइनों को जोड़ते हैं, जो कपड़ों को एक विशेष आकर्षण और उच्चतम गुणवत्ता का प्रतीक बनाते हैं।

Designer Collections:
कई प्रसिद्ध डिज़ाइनर जैसे Manish Malhotra और Sabyasachi Mukherjee अपनी कलेक्शन में कढ़ाई का इस्तेमाल करते हैं। विशेष रूप से, इन डिज़ाइनरों के bridal collections में कढ़ाई के zari, kantha, और chikan kari जैसे पारंपरिक डिज़ाइनों को आधुनिक शैली में पेश किया जाता है। उनके डिज़ाइनों में delicate floral patterns, intricate beadwork, और silk threads का प्रयोग किया जाता है, जो भारतीय परिधानों को एक भव्य रूप प्रदान करते हैं।

International Fashion:
इसके साथ ही, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कढ़ाई का इस्तेमाल बढ़ा है। Denim jackets और casual shirts में कढ़ाई को जोड़कर एक नया फैशन ट्रेंड शुरू किया गया है। कई fashion brands और designers जैसे Gucci और Chanel भी अपने संग्रह में कढ़ाई को शामिल कर रहे हैं, जो इस कला के वैश्विक प्रभाव को दर्शाता है।

2. होम डेकोर में कढ़ाई (Embroidery in Home Décor)
होम डेकोर के क्षेत्र में भी कढ़ाई एक प्रमुख स्थान बना चुकी है। कढ़ाई का उपयोग pillows, cushions, bed linens, curtains, और table runners में बढ़ता जा रहा है। कढ़ाई से बने उत्पाद घर को एक luxurious और elegant लुक देते हैं, जिससे यह modern और traditional दोनों शैलियों में उपयोग किए जाते हैं।

Luxury Home Décor:
आजकल, कढ़ाई का उपयोग लक्जरी होम डेकोर उत्पादों में किया जाता है, जैसे embroidered bedspreads, throw blankets, और hand-stitched pillow covers। ये उत्पाद न केवल घर को एक भव्य और खूबसूरत रूप देते हैं, बल्कि कमरे में एक शाही और पारंपरिक एहसास भी पैदा करते हैं। उदाहरण के तौर पर, Ralph Lauren Home जैसी ब्रांड्स अपने कलेक्शन में कढ़ाई से बने होम डेकोर उत्पादों का निर्माण करती हैं।

Modern & Minimalist Designs:
वहीं, कढ़ाई का उपयोग modern minimalist डिज़ाइनों में भी हो रहा है। उदाहरण के लिए, floral embroidery या geometric patterns को neutral-colored cushions और simple linen fabrics पर लागू किया जाता है, जो एक contemporary और stylish लुक प्रदान करते हैं। यह होम डेकोर की सजावट में एक नया ट्विस्ट जोड़ता है, जिससे traditional craftsmanship और modern aesthetics का एक अच्छा मिश्रण बनता है।

Custom Embroidered Products:
अब लोग अपनी व्यक्तिगत पसंद के हिसाब से कढ़ाई के उत्पाद बनवाते हैं। Custom embroidered cushions और personalized embroidered bed linens जैसे आइटम बहुत लोकप्रिय हो गए हैं। लोग अपनी names, initials, या special dates को कढ़ाई में डिजाइन करवा कर इन्हें विशेष बनाते हैं। इससे उनके घर की सजावट में एक व्यक्तिगत स्पर्श जुड़ता है।

3. कढ़ाई के उपयोग के अन्य उदाहरण (Other Uses of Embroidery)
Accessories: कढ़ाई का उपयोग accessories में भी किया जा रहा है, जैसे handbags, clutches, और footwear में। Hand-embroidered bags और decorative shoes अब एक फैशन स्टेटमेंट बन चुके हैं।

Art Installations: कढ़ाई का उपयोग अब केवल फैशन और होम डेकोर तक सीमित नहीं है। कई कलाकार अब embroidery art के रूप में wall hangings और art installations बनाते हैं, जो आधुनिक कला का हिस्सा बन गए हैं।Write your text here...

Picture -Embroidered Scarf

Picture - Embroidered cushion Cover

Picture - Embroidered Handbag

Picture Source: agneera.com

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